प्रदेश सरकार द्वारा स्वयं के संसाधनों से शासनादेश दिनांक 09.03.2019 द्वारा मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में कार्यरत रसोइयों का मानदेय रु० 1000/- प्रतिमाह से रु० 500/- बढ़ाकर रु० 1500/- प्रतिमाह किया गया|
प्रदेश सरकार द्वारा स्वयं के संसाधन से मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत 42442 विद्यालयों में एल०पी०जी० कनेक्शन (01 सिलेंडर एवं 01 चूल्हा) उपलब्ध कराने हेतु रु० 1784.26 लाख की धनराशि जनपदों को प्रेषित|
मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत आच्छादित विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों को एप्रन, ग्लव्स एवं हेड कवर उपलब्ध कराने हेतु प्राथमिक रूप से रु० 210/- प्रति विद्यालय की दर से रु० 3,54,54,720/- की धनराशि प्रेषित की गयी|
मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता का अनुश्रवण माताओं द्वारा कराये जाने हेतु "माँ समूह" का गठन किया गया|
प्रदेश सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत केन्द्रीयकृत किचेन के माध्यान से साफ़ एवं स्वच्छ तरीके से निर्मित पौष्टिक गर्म पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराये जाने हेतु 12 जनपदों- वाराणसी, आगरा, कानपुर नगर, कन्नौज, अम्बेडकर नगर, ग़ाज़ियाबाद, इटावा, प्रयागराज रामपुर बलिया,आज़मगढ़ एवं गोरखपुर में अक्षयपात्र फाउंडेशन को मध्याह्न भोजन वितरण का दायित्व सौंपा गया |
05 जनपदों- वाराणसी, आगरा, कानपूर नगर, ग़ाज़ियाबाद एवं अम्बेडकर नगर में केंद्रीयकृत किचेन की स्थापना हेतु प्रत्येक जनपद को रु० 2.50 करोड़ (कुल रु० 12.50 करोड़) प्रथम किश्त की धनराशि प्रेषित|
मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत जनपद वाराणसी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फोर्टीफाईड खाद्यान्न (गेहूं/चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का मिश्रण) से बना मध्याह्न भोजन छात्र/छात्राओं को उपलब्ध कराया जा रहा है|